दुर्ग
छत्तीसगढ़ की संस्कृति में सालों से गांव-गांव में लोगों के घरों में बाड़ी का एक विशेष महत्व रहा है। घरों की बाढिय़ों में ही सब्जियों के साथ ही अमरूद, सीताफल, जामुन और मुनगा जैसे पौधे लगाए जाते हैं। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जरिए प्रदेश भर में मुनगा के पौधारोपण को लेकर ” वन होम वन ट्री” का एक बड़ा अभियान शुरु किया है। इसके तहत जिले के तमाम सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और छात्रावास आश्रमों में मुनगा का पौधारोपण किया जा रहा है।
कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए ‘वन होम वन ट्रीÓ महाअभियान अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग ने दुर्ग ग्रामीण परियोजना के ग्राम कोटनी के आंगनबाड़ी क्रमांक-2 में वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सेक्टर रसमड़ा के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ-साथ कुपोषित औऱ गर्भवती के घरों में मुनगा पौधे लगाए गए। रसमड़ा सेक्टर में कुल 95 कुपोषित और 171 गर्भवती महिलाएं है। पौधा रोपण का उद्देश्य कुपोषण और एनीमिया की दर में कमी लाना है। वृक्षारोपण कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन, परियोजना अधिकारी अजय साहू, जनपद सदस्य भुनेश्वरी ठाकुर, सरपंच मनोज साहू, महिला पर्यवेक्षक शशि रैदास, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति ठाकुर, रत्नी ठाकुर द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में ही मुनगा का पौधारोपण किया गया। आंगनबाड़ी केंद्र को हरा भरा बनाने की तैयारी पूर्व में ही कर ली गई थी। ग्राम कोटनी में वन होम वन ट्री महा अभियान में गर्भवती महिला रम्हला साहू सहित 12 गर्भवती महिलाओं के घर के आंगन में मुनगा के पौधे का रोपण किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया, ‘कुपोषण के लिए रामबाण मुनगा सहजन की पत्तियों में काफी मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। अति कुपोषित राज्य में सहजन की पत्तियों को कुपोषण दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिले को कुपोषण से बचाने के लिए मुनगा का पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है। मुनगा स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर पौधा है जिसे आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
जैन ने बताया, मुनगा डायबिटीज, एनीमिया और कुपोषण का रामबाण इलाज है। उन्होंने बताया, मुनगा मल्टी विटामिन से भरपूर होता है। इसकी पत्तियों में प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन बी-6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई पाया जाता है। इसके अलावा इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक जैसे मिनरल भी पाए जाते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। मुनगा सिर्फ सब्जी के लिए नहीं बल्कि दवाई के रूप में भी काम आता है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं के घर से लगे बाडयि़ों व खाली जगहों पर मुनगा लगाया जा रहा है।
मुनगा की खासियत
गुणों का खजाना है मुनगा इसका, फल, फूल और पत्तियां सब उपयोगी हैं। इसकी पत्तियों को सलाद की तरह खाया जा सकता है। इसकी पत्तियां मवेशियों के लिए भी लाभदायक हैं। मुनगा के बीज से तेल निकाला जा सकता है। मुनगा का पेड़ एक बार लगाए जाने के बाद 9 से 10 साल तक उत्पादन देता है। मुनगा में मौजूद पौष्टिक तत्व कुपोषण से जंग लडऩे के लिए रामबाण है। मुनगा 200 से ज्यादा रोगों के लिए संजीवनी का काम करता है। मुनगा की पौधरोपण के लिए जुलाई का महीना सबसे ज्यादा सही होता है।
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