September 17, 2025

सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन लेने की लगी भीड़

 

सरायपाली

शहर के सबसे पुराने हाई स्कूल मैं इन दिनों छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम उत्कृष्ट शाला में एडमिशन लेने की होड़ मची हुई है जैसे कि पूर्व में सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही जो इमेज आपके दिमाग में आती है, वो छत्तीसगढ़ आकर बदल सकती है। यहां के गर्वमेंट इंग्लिश स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं। स्कूल में बेहतर इन्फ्रॉस्ट्रक्चर, अच्छे सब्जेक्ट टीचर्स, एक छत के नीचे हर सुविधाएं और मुफ्त में क्वॉलिटी एजुकेशन मिलने के कारण स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में एडमिशन लेने की छात्र-छात्राओं मैं होड़ मची हुई है। वहीं शहर के प्राइवेट स्कूलों में इस समय ज्यादातर छात्र छात्राओं ने अपने टीसी निकालने प्राइवेट स्कूलों में आवेदन देकर निकाल रहे हैं।

निजी स्कूलों से टक्कर लेने के लिए छ्त्तीसगढ़ सरकार ने इंग्लिश मीडियम के स्कूल खोले हैं। पहली बार सरकारी अंग्रेजी स्कूल खोले गए जिसके बाद से इसमें एडमिशन कराने वालों की होड़ लग गई। इस मारामारी को देखते हुए स्कूलों में भर्ती के लिए अभिभावकों ने नेताओं की सिफारिशों का भी सहारा लिया है।

क्या है इस स्कूल की खासियत
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पहले ही साल दाखिले में भारी मांग देखने को मिली। अधिकारियों के मुताबिक, इसका मुख्य कारण, सस्ती और निजी पब्लिक स्कूलों से भी अच्छी मानी जा रही शिक्षा, योग्य शिक्षकों का स्टाफ, स्कूलों में अत्याधुनिक लाईब्रेरी, कंप्यूटर और साइंस लैब की सुविधाएं होने की बात कही गई हैं। यही नहीं खोले गए इन इंग्लिश मीडियम स्कूलों में नौकरी पाने के लिए प्रदेश के कई निजी स्कूलों के योग्य शिक्षकों ने भी इस स्कूल की तरफ रुख कर लिया है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित शासकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल पूर्व शिक्षाविद और आईएएस अधिकारी स्वामी आत्मानंद के नाम से खोले गए हैं। इन आधुनिक सुविधा वाले स्कूलों का लोकार्पण सरकार द्वारा 1 नवंबर 2020 को राज्य स्थापना दिवस के दिन किया गया था।: भूपेश बघेल सरकार का अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बारे में विचार का नतीजा यह था कि निजी स्कूलों की उच्च लागत को पूरा करने के लिए मुख्य रूप से माता-पिता की अक्षमता के एक बड़े हिस्से के कारण सार्वजनिक मांग लगातार बढ़ रही थी। ‘आधुनिक दुनिया के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए छात्रों के लिए अंग्रेजी भाषा की अघोषित अनिवार्यता हो गई है।

अभिभावकों द्वारा प्राइवेट स्कूलों की फीस वहन कर पाने की असमर्थता के कारण बच्चों को उनकी मनचाही शिक्षा के माध्यम से वंचित नहीं रखा जा सकता। सरकारी अंग्रेजी मीडियम खोलने के पीछे यही मंशा है। शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के शिक्षक केआर मुखर्जी ने जानकारी देते बताया कि कक्षा पहली से बारहवीं तक प्रवेश प्रारंभ मैं विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु आवेदन किया था एवं जिन का चयन हो चुका है वह संबंधित दस्तावेजों के साथ 7 दिवस के अंतराल में विद्यालय कार्यालय समय तक संपर्क करें समय अवधि पश्चात प्रवेश संबंध में किसी भी प्रकार का विचार नहीं किया जाएगा।

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