July 2, 2025

14 करोड़ की लागत से देश का तीसरा और मध्य भारत का पहला राज्य खाद्य परीक्षण लैब की होगी स्थापना

बालोद

भूपेश सरकार प्रदेश में नित नए आयाम स्थापित कर रही हैं। इसी कड़ी में वेयर हाउस कार्पोरेशन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं। वेयर हाउस कार्पोरेशन देश का तीसरा और मध्य भारत का पहला राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (लैब) की स्थापना करने जा रहा हैं। नवा रायपुर में डेड़ एकड़ की जमीन पर 14 करोड़ रुपये की लागत से राज्य खाद्य परीक्षण लैब की स्थापना की जाएगी। उक्त जानकारी छत्तीसगढ़ वेयर हाउस कार्पोरेशन के चेयरमैन एवं दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने अपने एक दिवसीय बालोद प्रवास के दौरान दी। वोरा ने ग्राम जगतरा स्तिथ वेयर हाउस गोदाम का निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान चावल रखने की क्षमता को भी देखा। वही रखे जाने वाले चावल को सही और गुणवत्ता के साथ रखने की बात भी कही। जिसके लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देशित भी किया। इस दौरान दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, दुर्ग नगर निगम सभापति अब्दुल गनी, अंशुल पांडे, पुष्पेन्द्र तिवारी, कृष्णा दुबे, ओमप्रकाश गजेंद्र, प्रमोद दुबे, प्रशांत बोकड़े सहित तमाम कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

14 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा लैब

वेयर हाउस कार्पेरेशन के चेयरमैन अरुण वोरा ने पायनियर से खास चर्चा में बताया कि हमारी सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने पहले ही कहा है कि अनाज का एक एक दाना कीमती है और इसका संरक्षण अच्छे तरीके से किया जाये और जब हमने इस बात की जानकारी दी की हमने खाद्य सामग्रियों एवं अनाज की टेस्टिंग के लिए अच्छा है की ?राब इसके लिए महाराष्ट्र व हैदराबाद जाना पड़ता है। तो उन्होंने कहा की क्यों ना राज्य खाद्य परीक्षण लैब हमारे प्रदेश में बनाया जाये। तो उनके निर्देश में हमने ये प्रक्रिया प्रारंभ की। वोरा ने आगे बताया कि लगभग इसमें 14 करोड़ रूपये की लागत लगेगी और यह अंतिम चरण में है ये प्रक्रिया। उसके लिए जमीन भी अधिग्रहित की जा चुकी है। नया रायपुर में लगभग डेड़ एकड़ की भूमि इसके लिए अधिग्रहित की गई है और सारी मशीने भी आ गई है। कंसल्टेंट को बुलाया जा रहा है। उसके बाद उनसे कंसल्ट करके इसकी स्थापना की जाएगी। फिर इसका भूमिपूजन किया जायेगा।

प्रदेश का अनाज एवं खाद्य सामग्री यही टेस्टिंग कर सकेंगे
वोरा ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि लैब टेस्टिंग के यह व्यवस्था पहले हमारे प्रदेश में नहीं थी। मध्य भारत का ये पहला टेस्टिंग लैब बन रहा है और पुरे देश का तीसरा। इसके पहले की जो व्यवस्था हैं हमें बाहर जाना पड़ता था। अब हमारी बाहर जाने से बचत होगी और अपने प्रदेश का अनाज एवं खाद्य सामग्री यही टेस्टिंग कर सकेंगे। यहाँ लैब में जो लोग टेस्ट करवाएंगे उन्हें भी फायदा होगा और बहुत ज्यादा फायदा होगा। जो किसान मेहनत करते हैं। उनकी मेहनत का जो फल मिलना चाहिए। वो सही रूप में मिल पायेगा। आपको बता दे कि खाद्य पदार्थ की टेस्टिंग के लिए अब तक छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और हैदराबाद पर निर्भर था। लेकिन अब इस लैब की स्थापना के बाद पड़ोसी राज्य को इसका फायदा होगा। इस स्टेट फूड लैब में 5 प्रकार से अधिक के फूड प्रोडक्ट की टेस्टिंग की जाएगी। तो वही इस प्रयोगशाला का प्रयोग खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोग और किसान भी कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 29 नए गोदाम की स्वीकृति
अरुण वोरा ने आगे कहा कि 19 लाख मैट्रिक टन अनाज रखने की क्षमता वेयर हाउस में है और 29 नए गोदाम की स्वीकृति क्षेत्रीय विधायको की अनुशंसा पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में दी गई है। जिसकी क्षमता 2 लाख 40 हजार मैट्रिक टन की रहेगी। ताकि जो चावल आए उसे सुरक्षित तरीके से रखना यह दायित्व वेयरहाउस का होता हैं और यह दायित्व को सरकार पूरी तरह निभा रही है। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी भावना है कि किसानों का अनाज सुरक्षित रहे। इसको ध्यान में रखते हुए वेयर हाउस कार्पोरेशन पूरी तरह कार्य कर रहा है।

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