खुले आसमान के नीचे बारिश की नमी से हो रहे है धान अंकुरित
नारायणपुर@thethinkmedia.com
जिले के कोचवाही धान संग्रहण केन्द्र में 70000 क्विंटल से अधिक धान का उठाव नहीं हो पाया है। धान की गुणवत्ता भी अब खराब होने लगी है, धान अंकुरित हो रहा है। किसान कितनी मेहनत से धान की फसल पैदा करते हैं और कितना सहेज कर उसे रखते हैं, यह बात एक किसान से बेहतर कोई नहीं जान सकता। किंतु जिस हालत में इन दिनों जिले के कोचवाही धान संग्रहण केन्द्र में धान के रखरखाव की बेतरतीब व्यवस्था देखने को मिल रही है, इसके चलते न केवल धान की गुणवत्ता ही खराब हो रही है, बल्कि धान अंकुरित होने की स्थिति में भी नजर आ रहा है।
किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को खत्म हुए पांच माह बीत गए, इस बीच बारिश ने दस्तक दे दी। जिले भर में जमकर बारिश हुई। किंतु इसे विडंबना ही कही जा सकती है धान खरीदी केंद्रों व संग्रहण केंद्रों से 1 लाख 95 क्विंटल में से 1 लाख 25 हजार क्विंटल धान का उठाव किया गया है जिले के कोचवाही धान संग्रहण केन्द्र में अभी भी 70 हजार क्विंटल से ज्यादा धान रखा है। परिवहन नहीं होने तथा रखरखाव की समुचित रूप से व्यवस्था के अभाव में धान के बोरे अस्त-व्यस्त पड़े हैं और धान खराब हो रहा है। बारिश के चलते अब समितियों से धान का उठाव करना इतना आसान नहीं कहा जा सकता। कोचवाही धान संग्रहण केन्द्र में जहां धान ज्यादा मात्रा में है।
धान को लेकर राजनीति भी जमकर हुई। प्रदेश सरकार ने केंद्र पर धान खरीदी में व्यवधान पैदा करने की बात कही। कम चावल का उठाव किए जाने का आरोप भी लगाया। वहीं भाजपाइयों ने राज्य सरकार पर खरीदी के नाम पर अव्यवस्था का आरोप लगाया। अभी जिले के कोचवाही धान संग्रहण केन्द्र में धान का उठाव होना शेष है। किंतु वास्तव में समुचित रूप से पूरे धान के उठाव होने के पश्चात ही यह आकलन हो पाएगा कि आखिर जिले में कितनी मात्रा में धान खराब हुआ और कितने का नुकसान हुआ।
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