July 2, 2025

रोका-छेका अभियान व गोठान की व्यवस्था फेल, सड़कों में बैठे मवेशी कर रहे दुर्घटनाओं को आमंत्रित

नारायणपुर@thethinkmedia.com

नगर की लंबे समय से बेसहारा मवेशियों की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पा रहा है शासन के द्वारा चलाए जा रहे रोका-छेका अभियान का भी जमीनी स्तर पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है पशुओं की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने रोका-छेका अभियान की शुरुआत की थी जिसके तहत मवेशियों को गोठानों में रखने की योजना है शासन की महत्वकांक्षी योजना का क्रियान्वयन सिर्फ दिखावे तक ही सीमित नजर आ रहा है नारायणपुर क्षेत्र में आज भी मवेशी सड़कों पर बैठे नजर आ रहे हैं यह मवेशी हादसों को आमंत्रित कर रहे हैं बारिश के बाद मवेशी अक्सर मुख्य सड़कों पर बैठ जाते हैं जिनकी चिंता नगर पालिका कर रहा है और ना ही प्रशासन। नगर की बात करें तो दिन रात सड़कों में मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है जब मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर गांव गांव में गोठान निर्माण करा रही है और और मवेशी सड़कों में घूम रहे हैं तो इस प्रकार की योजना किस काम की। खटाई में पड़ा अभियान- प्रदेश में रोका-छेका अभियान कहीं तो धीमा तो कहीं ठप है राज्य सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि की परंपरा रोका-छेका अभियान की शुरुआत जून 2020 को किया गया था इस वर्ष भी 1 जुलाई को प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के गोठान में रोका-छेका कार्यक्रम का आयोजन किया गया था शहरों की सड़कों में घूम रहे मवेशियों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए भी यह कदम अहम माना गया,पकड़े गए मवेशियों को कांजी हाउस और गोठानो में रखने के आदेश दिए गए हैं लेकिन ज्यादातर जगह पर तस्वीर इसके विपरीत नजर आ रही है।

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