शासन की ओर से भोजन और दवाई के लिए अलग-अलग भेजी जाती है राशि
जशपुरनगर@thethinkmedia.com
जिला अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से मशीन, किट और सामग्री खरीदी के नाम पर किए गए करोड़ों की
बंदरबांट का मामला अभी थमा भी नहीं था कि जांच टीम की रिपोर्ट आने और दोषियों पर कार्रवाई होने से पहले ही एक और घोटाला को अंजाम दिया गया है। शासन की ओर से दवाई खरीदी के लिए भेजी गई राशि में से ४ लाख रुपए कैटरिंग सप्लायर को भुगतान कर दिया गया है। जबकि इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शासन की ओर से मरीजों के लिए दवाई खरीदी और भोजन आपूर्ति के लिए अलग-अलग राशि मुहैया कराई जाती है। शासकीय नियमानुसार भोजन सामग्री की राशि से भोजन और दवाई के लिए भेजी गई राशि से दवाई खरीदी किया जाना है। लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय के अकाउंटेंट के जरिए सुनियोजित तरीके से गड़बड़ी कर दवाई की राशि का भुगतान कैटरिंग संचालक को कर दिया है।
कमीशन के खेल में गड़बड़ी
दवाई खरीदी की रकम में हुई यह गड़बड़ी कमीशन के लिए की जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दवाई खरीदी के लिए शासन की ओर से बनाए गए नियमानुसार दवा बेहद कम कीमत में रेड क्रास सोसायटी से खरीदी करना है। दवाई में कमीशन नहीं मिल पाने की वजह से भोजन सप्लायर के नाम पर दवा की हेड का पैसा जारी कर दिया गया।
दवा की किल्लत से जूझते हैं मरीज
जिला अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीज अच्छी दवाईयों की किल्लत से जुझते हैं। डॉक्टर्स उन्हें दवाई की कमी होने की वजह से बाहर से दवा लिखते हैं। वहीं शासन की ओर से दवा खरीदी के लिए भेजी गई राशि का इस प्रकार बंदरबांट किया जा रहा है।
सीएस ने नहीं दिया जवाब
दवाई के पैसे का भुगतान भोजन सप्लायर को किए जाने के संबंध में जानकारी लेने सिविल सर्जन डॉ. एफ खाखा के नंबर पर कॉल किया गया पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इस तरह की गई गड़बड़ी
सूत्रों से प्राप्त सिविल सर्जन के दस्तावेजों के मुताबिक २२ मई २०२१ को सिविल सर्जन के ऑपरेटर के द्वारा बिल भुगतान के लिए लेजर तैयार किया गया जिसमें बिल नंबर १०५ में कैटरिंग वर्क एवं जनरल ऑर्डर सप्लायर प्रमोद कुमार गुप्ता फर्म को ३ लाख ९७ हजार ३८६ रुपए का भुगतान दवा की राशि के अकांउट हेड क्रमांक-२५-००७ से भुगतान किया गया है। जबकि कैटरिंग सप्लायर के बिल का भुगतान रसोई हेड क्रमांक-२५-००५ से किया जाना था। ऑपरेटर ने दवाई की राशि की रकम से भोजन की बिल का भुगतान सुनियोजित तरीके से कर दिया।
- बिल स्टेटस को देखकर मिलान करूंगा। दवाई हेड का पैसा दूसरे में नहीं दिया जाता है।
-सुरेश टोप्पो, अकांउटेंट जिला अस्पताल
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