बचेली में मिला बड़े साईज का रस्सल वाइपर। खास बात यह हैं कि इस सर्प पे वाइपर प्रजातियों का पहचान हीरे जैसे पैटर्न चिन्ह मौजूद नहीं था। सर्प मित्र प्रेम की मृत्यु इसी सर्प के दंश से हुई थी अतः अधिकांश लोग इसे पहचानते हैं। परंतु इस सर्प को पहचानने में धोका हुआ अत: सावधानी आवश्यक हैं। विगत दस दिनों में बीस से अधिक रस्सल वाइपर मिले। घरों की सफाई एवं सर्दी का मौसम के कारण अधिक संख्या में मिल रहे हैं। क्यूंकि यह सर्प कचरे कबाड़ में रहना पसंद करता हैं।
रसल्स वाइपर एक ऐसा सांप जिसे एशिया का लैंडमाइन कहा जाता हैं,जिसका कारण हैं इसका छद्मावरण,गुस्सैल स्वभाव और घातक विष, इस सांप को पहचानने के लिए जानकार इसके शरीर पे बने हीरे जैसी आकृति को देखने की सलाह देते हैं अधिकतर ये तरीका काम भी करता हैं परंतु जब इस सांप की चमड़ी पुरानी हो जाती हैं और उतरने वाली होती हैं उस समय इसका रंग इतना मटमैला हो जाता हैं की हीरे वाली आकृति नहीं दिखती और ना ही इसका चमकदार रंग ही देखने को मिलता हैं,जिससे आम लोगों को आसानी से किसी दूसरे विषहीन सर्प का भ्रम हो सकता हैं और कोई बड़ी घटना हो सकती हैं,ठंड का मौसम इस सांप के समागम का मौसम होता हैं जिसके कारण ये अधिक संख्या में दिखने लगते हैं,इस बात को ध्यान में रखते हुए कोई भी सांप दिखने पर जानकार लोगों से ही उसकी पहचान करवाए और सांपों से सुरक्षित दूरी बना के रखें।सांप मनुष्य को क्षति पहुंचाने की मंशा से नहीं आते, उन्हें निकलने का स्थान देने पर वो निकालना पसंद करते हैं, कृपया उन्हें क्षति ना पहुंचाए सर्पमित्रो की सहायता से उन्हें निकलवाने का प्रयास करें।
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