दिनाँक 25 से 29 जुलाई तक छ.ग. राज्य के सभी कर्मचारी, कर्मचारी अधिकारी फैडरेशन के बैनर तले हड़ताल में जा रहे हैं। ज्ञातव्य हो की विगत दो वर्षों में मँहगाई मे लगभग 40% वृद्धि के बावजूद सरकार कर्मचारियों को लंबित मँहगाई भत्ता नहीं दे रही है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि क्या मँहगाई का असर केवल आई एएस सांसद और विधायकों पर ही पड़ती है? आज मँहगाई वृद्धि के फलस्वरूप व्यावसायिकों का लाभांश बढ़ रहा है, मजदूरों की मजदूरी बढ़ रही है पर निश्चित वेतन पाने वाले कर्मचारियों का क्या? मँहगाई का सर्वाधिक असर इसी तबके पर पड़ती है पर भत्ते देने मे आनाकानी करती है। और तोक्षौर कर्मचारी विगत काफी दिनो से चरणबद्ध आँदोलन कर रहे हैं और सरकार जले मे नमक की भाँति प्रदेश के मंत्री एवं विधायकों का वेतनभत्ता एक दिन की प्रस्ताव मे बढ़ा लिए। वर्तमान मे तो हम केवल 5 दिनो के लिए हड़ताल कर रहै है सरकार नहीं मानी तो हम अनिश्चित कालीन आँदोलन भी करेंगे।
आगे कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आखिर धैर्य की हद होती है। जब कोरोनिकाल मे सब अपने अपने घरो मे दुबके पड़े थे तो भी हम जनरक्षा मे अपना योगदान दे रहे थे। बहुत से कर्मचारी आकाल काल कवलित हुए।
एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार मँहगाई के विरूद्ध खड़े होने का नौटंकी करती है वहीं अपने मातहतों को मँहगाई भत्ता देने मे आनाकानी भी। यदि यह ही रवैया रहा तो कर्मचारियों मे सरकार के प्रति नकारात्मक संदेश जावेगा।हम अतिरिक्त नहीं मालग रहे है केवल केन्द्र के समान देयतिथि से मँहगाई भत्ता तथा सातवें वेतनमान पर गृहभाड़ा भत्ता। सरकार को हमारी माँगे पूरी करनी होगी।हमे हमारे देयतिथि से मँहगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता देना होगा।उपरोक्त दो सूत्रीय माँग के लिए सोमवार से गुरूवार तक विकासखंड मुख्यालयों मे तथा शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना स्थल पर प्रदर्शन किया जावेगा। सभी साथियों से अपील है कि सब रोज धरना स्थल पर आकर हमारी आवाज को बुलंद करें।
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